चारधाम यात्रा के लिए आया था सरकार पर क्या से क्या हो गया?

ऋषिकेश। चारधाम के पर्यटक ने प्रशासन पर लगाए दुर्व्यव्यवहार के आरोप, ट्रांजिट कैंप परिसर में आत्म दाह का किया प्रयास, घटना से पंजीकरण परिसर मे मचा ह्ड़कंप, पर्यटक को शांति भंग मामले में किया गिरफ्तार।
ऋषिकेश पंजीकरण कार्यालय मे बीते 11 मई से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद होने के चलते यात्रियों के सब्र का बाँध पूरी तरह से टूट गया है। सोमवार को रजिस्ट्रेशन काउंटर खुला तो हजारों की संख्या मे यात्री काउंटर पर उमड़ पड़े। इस भीड़ को नियंत्रण करने मे प्रशासन और पुलिस के पसीने छूट रहे है। ऐसे मे माहौल तब बिगड गया ज़ब एक यात्री पंजीकरण कार्यालय के सामने आत्मदाह के लिए चढ़ गया। गनीमत रही कि अन्य यात्रियों ने शोर शराबा मचा दिया। वहीं, मौके पर तैनात पुलिस बल ने किसी तरह यात्री को सुसाइड करने से रोक लिया। इस दौरान महिला पुलिसकर्मी द्वारा पर्यटक को ब्रीफ भी किया गया।
यात्री का नाम रविंद्र कुमार पांडे बताया जा रहा है, जो कि आरोप लगा रहा है कि 11 मई से वह ऋषिकेश मे ही फंसा हुआ है उसने प्रशासन पर दो तीन बार दस्तावेज फाड़ने से लेकर अभद्रता के आरोप भी लगाए हैं। उधर इस घटना से पंजीकरण परिसर मे हड़कंप मच गया। पुलिस ने उक्त पर्यटक को ट्रांजिट कैंप में शांति भंग करने को लेकर गिरफ्तार किया है।
आखिर इन यात्रियों की पीड़ा कौन समझे आखिर उसने आत्मदाह करने का प्रयास क्यों कर रहा था पीड़ा कोई न समझें 10 दिन से यात्री चारधाम जाने के लिए पंजीकरण कराने को लेकर परेशान हैं लेकिन कोई प्रशासन इसको समझने को तैयार नहीं है। आखिर उत्तराखंड सरकार ने सबको चारधाम यात्रा कराने का संकल्प लिया था लेकिन व्यस्थाए सारी फेल है और यात्री 10 दिन बाद बिना चारधाम किए वापस जा रहे हैं। लेकिन जो यात्री ठहरे हैं उनके भी पैसे खत्म होने को जा रहे हैं। खुले आसमान और धूप में ठहरे पसीने से लथपथ यात्रियों में आस्था साफ देखी जा सकती है। विश्वास डगमगाने का नाम नहीं ले रही है। लेकिन जो असली यात्री हैं उनकी आस्था किसी को नही दिख रही है। इस आस्था में भी जनाब छोटे और मोटे पैसे वाले ही दिख रहे हैं, और अब तो ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 31 मई तक बंद कर दिए गए हैं न जाने क्या होगा इन यात्रियों का ये देखने वाली बात रहेगी।