खुद में सकारात्मक परिवर्तन आना जरूरी

ऋषिकेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ऋषिकेश, की ओर से एक कार्यक्रम “स्वयं में सकारात्मक परिवर्तन”ऋषिकेश सेंटर में आयोजित किया गया।
रविवार को मुख्य अतिथि मनोरंजन देवरानी और बी०के० आरती दीदी ने संयुक्त रूप से दीप प्रजव्लन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम और मुख्य अतिथि देवरानी को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि देवरानी ने बताया कि मुझे यहां आकर बड़ी दिव्य अनुभूति महसूस हुई है। सिर्फ अतिथि के रूप में ही नहीं बल्कि एक ज्ञान अर्जित करने वाले जिज्ञासु के रूप में उपस्थित हुआ। जैसा कि दीदी ने बताया साइंस भी मानती है कि हर चीज को चलाने वाली एनर्जी है, ब्रह्मांड भी दो चीजों से मिलकर बना है एनर्जी व लोग। एनर्जी को हम देख नहीं सकते सिर्फ महसूस कर सकते हैं।
राजयोगिनी बी०के आरती दीदी ने बताया कि हर मनुष्य अपने मन का गुलाम है, जबकि शुद्ध व स्वच्छ मन सदा परमात्मा के नजदीक रहता है, हमारे व्यर्थ और नेगेटिव संकल्प हमारे मन को स्वच्छ सार्थक चिंतन से दूर करते हैं। इसलिए मन को बेलगाम घोड़े की तरह ना छोड़कर उसे अपने बस में रखना बहुत जरूरी है। मनुष्य भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना है इसलिए कहा जाता है, कि हजारों बुराइयों के बाद भी हर एक में एक अच्छाई जरूर होती है, वह है आत्मा की प्योरिटी। आज जरूरत है, स्वयं के आत्मिक रूप को पहचाने की एवं सबके प्रति शुभकामना रखने की। हिंसा सिर्फ हथियार से नहीं बल्कि जबान से भी होती है। आज मनुष्य बुरा कार्य अपने संस्कार अनुरूप कर रहा है, क्योंकि आत्मा कमजोर हो गई है।