पहाड़ों के स्कूलों का कायाकल्प करेगा अवादा

ब्यूरो,ऋषिकेश।
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उत्तराखंड के दुर्गम पर्वतीय और सीमांत क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अवादा फाउंडेशन और प्लैनेट स्कूल ने सरस्वती शिशु/विद्या मंदिरों में डिजिटल माध्यमों से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और विद्यालयों को आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित करने का सराहनीय कार्य कर रहा है।
अवादा फाउंडेशन की डायरेक्टर ऋतु पटवारी ने शनिवार को हरिद्वार रोड स्थित एक होटल में में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि इस परियोजना के तहत 42 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। इन कक्षाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को एनसीईआरटी पाठ्यक्रम-आधारित विषयों की डिजिटल शिक्षा दी जा रही है। ऑनलाइन माध्यम से इन कक्षाओं में गणित, विज्ञान, अंग्रेज़ी, हिंदी और पर्यावरण विज्ञान जैसे विषयों को रोचक तरीकों से सिखाया जाता है। इसका लाभ यह है कि दूर-दराज़ गांवों के बच्चे भी उत्कृष्ट शिक्षकों से जुड़कर अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त कर पा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, 466 विद्यालयों में स्कूल अपग्रेडेशन, डिजिटल कंटेंट वितरण और शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। स्कूल अपग्रेडेशन के तहत विद्यालयों को स्मार्ट एलईडी पैनल, कंप्यूटर, वेबकैम, प्रिंटर, स्पीकर जैसे डिजिटल संसाधनों से सुसज्जित किया गया है, जिससे बच्चों को व्यावहारिक अनुभव के साथ-साथ ऑडियो-वीडियो आधारित ज्ञान भी मिल रहा है।
डायरेक्टर ऋतु पटवारी ने कहा डिजिटल एजुकेशन कंटेंट के माध्यम से विद्यार्थियों को एनिमेटेड वीडियो, प्रेजेंटेशन, एक्टिविटी-बेस्ड शिक्षण सामग्री और क्विज़ उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह सामग्री कक्षा नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक के लिए है, जिससे विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों को उनकी समझ और स्तर के अनुसार शिक्षा मिल रही है।
उन्होंने जानकारी दी कि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अंतर्गत शिक्षकों को डिजिटल टूल्स, ऑनलाइन शिक्षण विधियाँ, शिक्षा में तकनीक के उपयोग और छात्रों के आकलन संबंधी पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण उन्हें आधुनिक डिजिटल शिक्षा प्रणाली से जोड़ रहा है।
यह परियोजना उत्तराखंड के उन पर्वतीय और दूरस्थ जिलों के विद्यालयों में चल रही है, जहाँ शिक्षा के संसाधन सीमित होते हैं। इन पहाड़ी और सीमांत इलाकों में अवादा फाउंडेशन और प्लैनेट स्कूल की यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक नई आशा की किरण बनकर उभरी है।
डायरेक्टर ऋतु पटवारी ने बताया इस कार्यक्रम से अब तक हज़ारों छात्रों, सैकड़ों शिक्षकों और समुदाय के सदस्यों को लाभ मिला है। बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ी है, तकनीक की समझ विकसित हुई है, और शिक्षकों ने अपने शिक्षण में नयापन पाया है। अभिभावकों की प्रतिक्रियाएँ भी अत्यंत सकारात्मक रही हैं।
अवादा फाउंडेशन और प्लैनेट स्कूल का यह संयुक्त प्रोग्राम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर रही है, बल्कि आने वाले समय में उत्तराखंड को डिजिटल शिक्षा में एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है।
अवादा फाउंडेशन ने कोविड महामारी के कठिन समय में भी उत्तराखंड के ऋषिकेश और देहरादून के ग्रामीण इलाकों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। जरूरतमंद परिवारों तक राशन की बोरियां पहुंचाईं गईं, साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और 25 BiPAP मशीनें भी उपलब्ध कराई गईं ताकि ज़िंदगियाँ बचाई जा सकें।
फाउंडेशन ने उत्तराखंड के 10 स्कूलों में प्रेरणादायक मोटिवेशनल स्पीच और सेशन्स आयोजित किए। इसके अलावा, साइबर सुरक्षा की जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ऋषिकेश के 5 स्कूलों सहित उत्तराखंड के कुल 5 स्कूलों में साइबर सिक्योरिटी वर्कशॉप्स का आयोजन किया गया।
उत्तराखंड के ऋषिकेश में अवादा फाउंडेशन द्वारा दस दिवसीय स्पोर्ट्स ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय युवाओं को खेलों की विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों और उनके कोचों को सम्मानित भी किया गया। साथ ही, खिलाड़ियों को खेल सामग्री, जूते आदि वितरित किए गए ताकि वे अपने खेल को और निखार सकें।
अवादा फाउंडेशन के बारे में:
अवादा फाउंडेशन, अवादा ग्रुप की एक सामाजिक शाखा है जो भारत के 19 राज्यों में ग्रामीण और वंचित समुदायों के विकास के लिए पाँच मुख्य क्षेत्रों में काम करता है: education, empowerment, environment, electrification. health, और rural Education (शिक्षा): फाउंडेशन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाता है, डिजिटल साक्षरता केंद्र चलाता है और जरूरतमंद छात्रों को वित्तीय सहायता देता है।
Empowerment (सशक्तिकरण): यह महि… और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई केंद्र और कंप्यूटर ट्रेनिग जैसे विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम चलाता है।
Environment (पर्यावरण): यह बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर पर्यावरण संरक्षण का काम करता है।
Health (स्वास्थ्य): फाउंडेशन दूरदराज के इलाकों में मुफ्त स्वास्थ्य शिविर, एम्बुलेंस सेवा और स्वच्छ पेयजल जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है।
Rural Electrification (ग्रामीण विद्युतीकरण): सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करके स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा उपलब्ध कराता है।