पीएम मोदी के लिए हर्षिल और मुखवा में हो चुकी तैयारी पूरी,जानिए क्या रहेगा खास ?.….

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तरकाशी आ रहे हैं। उत्तराखंड सरकार और उत्तरकाशी जिला प्रशासन बर्फबारी और खराब मौसम की चुनौती से जूझते हुए भी पीएम के दौरे को यादगार बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। पीएम मोदी अपने स्टाइल और पहनावे के लिए भी जाने जाते हैं। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि उत्तरकाशी के हर्षिल, मुखवा दौरे के दौरान पीएम के पहनावे में क्या खास रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर्षिल और मुखबा दौरे के दौरान भेड़ की ऊन से बनी बादामी और स्लेटी रंग की भेंडी (कोट) पहनेंगे। इसके साथ ही ब्रह्मकमल और तिरंगे और लाल रंग की पट्टी लगी हुई पहाड़ी टोपी भी उनके लिए तैयार हो गई। इस पूरी पहाड़ी ड्रेस को नालंदा एसएचजी महिला स्वयं सहायता समूह की भागीरथी नेगी ने तैयार किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह मार्च को मुखबा में पारंपरिक परिधान ‘चपकन’ पहनकर मां गंगा की पूजा-अर्चना करेंगे। मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा में तीर्थ पुरोहित इसी परिधान को पहनकर पूजा करते हैं। इसे विशुद्ध माना जाता है। गंगोत्री मंदिर समिति ने प्रधानमंत्री को ये परिधान भेंट करने का निर्णय लिया है। मंदिर समिति का प्रयास है कि प्रधानमंत्री मुखबा गांव में मां गंगा की पूजा-अर्चना चपकन पहनकर ही करें।
पीएम नरेंद्र मोदी के देश-विदेश के दौरों के दौरान उनकी पहनी हुई वेशभूषा की हमेशा चर्चा होती है। वह अपने दौरे के दौरान उस क्षेत्र की वेशभूषा पहनकर स्थानीय लोगों से भावानात्मक रूप से जुड़ते हैं। इसी क्रम में गुरुवार 6 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी के लिए भारत-चीन सीमा पर बसे हर्षिल और मुखबा के एक दिवसीय दौरे के लिए उत्तरकाशी की स्थानीय वेशभूषा ऊन की भेंडी के साथ पजामा और पहाड़ी टोपी तैयार की गई है। इसको वीरपुर डुंडा नालंदा एसएचजी महिला स्वयं सहायता समूह की भागीरथी नेगी ने तैयार किया है। इसके साथ ही सुरेंद्र नैथानी ने इस पूरी ड्रेस की सिलाई की है।
भागीरथी नेगी लंबे से महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं। यह लंबे समय से ऊन के वस्त्रों का निर्माण कर रही हैं। वीरपुर डुंडा निवासी भागीरथी नेगी किन्नौरी समुदाय से आती हैं। इसलिए उनको भेड़ की ऊन से कपड़े तैयार करने का कार्य विरासत में मिला है।
पीएम मोदी का स्वागत रासौं नृत्य से होगा। सीमांत जिले उत्तरकाशी के रासौं नृत्य की अपनी खास पहचान है। मांगलिक और अन्य त्यौहार के अवसर पर महिलाएं और पुरुष सामूहिक रूप से पारंपरिक गीत गाते हुए यह नृत्य करते हैं। तीर्थ पुरोहित व लोक गायक रजनीकांत सेमवाल के अनुसार, पीएम मोदी के स्वागत में रासौं नृत्य किया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण लगातार तैयारी कर रहे हैं. रासौं नृत्य में भाग लेने के लिए चयनित सुलोचना देवी का कहना है कि यह सौभाग्य होगा कि हम प्रधानमंत्री जी के सामने पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत करेंगे।