नाग पंचमी पर इस ऐतिहासिक गरुड़ मंदिर में मिलती है, काल सर्प दोष से मुक्ति।

ब्यूरो,ऋषिकेश।
__________________
यदि आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है और आप इसका निवारण करना चाह रहे हैं तो 29 जुलाई को नाग पंचमी के दिन गरुड़ मंदिर में गरुड़ भगवान की पूजा और अभिषेक करने से दोष से मुक्ति मिलती है।
लक्ष्मणझूला- नीलकंठ मोटर मार्ग, गरुड़चट्टी, मणिकूट पर्वत की तलहटी के नीचे स्थित नगर पंचायत स्वर्गाश्रम जौंक के वार्ड नंबर एक में गरुड़ भगवान का पौराणिक और ऐतिहासिक मंदिर है। इस मंदिर में गरुड़ भगवान की पूजा अर्चना और अभिषेक करने से कालसर्प दोष से मुक्ति और चारधाम के फल की प्राप्ति होती है।
मंदिर के पुजारी दिनेश चंद्र भट्ट शास्त्री ने बताया कि नाग पंचमी सनातन धर्म का एक विशेष पर्व है। यह पर्व श्रावण शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन नागों की पूजा, शिव पूजा और उपवास का विशेष महत्व है। नाग पंचमी मनाने की कई कथाएं पुराणों में भी वर्णित हैं। उनमें से एक कथा यह भी है कि समुद्र मंथन के दौरान वासुकी नाग को रस्सी के रूप में उपयोग किया गया था, जिससे नागों का महत्व और बढ़ गया।
महाभारत कथा के अनुसार जब तक्षक नाग क्यूकी ओर से राजा परीक्षित को काटा गया तो उनके पुत्र जन्मेजय ने क्रोध में आकर सर्पों को नष्ट करने के लिए यज्ञ किया था जिसे आस्तिक मुनि ने रोक दिया था। वह दिन भी पंचमी का था।
उन्होंने बताया कि मान्यता है कि इस दिन भगवान गरुड़ मंदिर में दर्शन का विशेष लाभ है। नाग पंचमी के दिन यहां पूजन और अभिषेक करने से कालसर्प दोष, पितृदोष, सर्पभय और अशुभ ग्रहों से शांति मिलती है।