विश्व जल दिवस पर पानी बचाने का संकल्प

ऋषिकेश। विश्व जल दिवस पर श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग की ओर से जल संसाधन के संरक्षण एवं प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
शनिवार को पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर के कुलपति प्रो. एन.के.जोशी ने बताया कि उत्तराखंड में पानी के स्रोत विलुप्त की स्थिति में पहुंच रहे हैं । जल स्रोतों को जीवित रखने वाले वृक्षों की जगह नई प्रजाति की वृक्ष स्थान ले रहे हैं। जिस कारण जल की उपलब्धता एक समस्या का रूप धारण करती जा रही है। उन्होंने प्रतिभागी छात्र छात्राओ को अहावन किया कि वह इस सामूहिक संपत्ति की रक्षा करने में अपना योगदान दें एवं जल को सुरक्षित एवं सुरक्षित करें जिससे हमारे आने वाली पीढियां को भी पर्याप्त मात्रा में जल की आवश्यकता पूरी हो सके और भूजल स्तर बराबर बना रहे।
इस अवसर पर परिसर के निदेशक प्रोफेसर महावीर सिंह रावत कहा कि वैश्विक तापन का प्रभाव हमारे हिमालय जिसे वॉटर टावर के रूप में जाना जाता है। उसमें स्थित हिम कम होती जा रही है। जिस कारण भविष्य में हिमालय से निकलने वाली नदियों की जलस्तर में कमी आ सकती है और इससे मानव जीवन को खतरा पैदा हो सकता है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से बचने के लिए विभिन्न उपायों की बारे में विस्तार से चर्चा की।
निवृत निर्देशक हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय परिसर पौड़ी ने छात्रों को विस्तार से जल संसाधन की उपलब्धता उनके बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा जल भूमि सूर्य और पृथ्वी को पूजनीय माना गया है और आज आवश्यकता है कि हम इन सभी को सुरक्षित करें जल संसाधनों को इस रूप में हम सुरक्षित करें जिससे कि हमारा भूजल स्तर बढ़ता रहे और प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकता है। पूरी होती रहे कोई भी घर बिना जल के न रहे। साथ ही उन्होंने छात्रों को यह संदेश पूरे समाज में प्रसारित करने की लिए कहा कि वह समाज को जल की उपयोगिता के बारे में और इसके संरक्षण के बारे में अधिक से अधिक जागरूक करें।
इस दौरान प्रो.अंजनी प्रसाद दुबे ,डॉ.केदार सिंह बिष्ट, प्रो .कंचन लता, डॉ. अनीता तोमर एवम योग विभाग की प्राध्यापक तथा एम.पी. सिंह, कैलाश,नीरज ने सहयोग प्रदान मौजूद रहें।