नगर निगम की हवाई कार्य परियोजना पर प्रेस वार्ता कर उठाए सवाल

ऋषिकेश। हरिद्वार रोड स्थित नगर निगम के वर्तमान कार्यालय परिसर में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की ओर से बहुमंजिला पार्किंग व कार्यालय भवन का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। जिसके चलते निगम कार्यालय को अन्य जगह शिफ्ट किया जाना है। इस संबंध में नगर निगम प्रशासन की ओर से आईएसबीटी परिसर को चिह्नित किया गया है। शिफ्टिंग की तैयारी भी की जा रही हैं। इस संबंध में उत्तराखण्ड जन विकास मंच की ओर से नगर निगम किए जा रहे हवाई कार्य परियोजना पर भ्रष्टाचार का आरोप प्रत्यारोप लगाया गया है, बताया कि नगर निगम बहुमंजिला इमारत और पार्किंग बनाने में कोई समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं, और मुख्यमंत्री से मांग की है कि नगर निगम की उक्त परिसम्पत्ति ऋषिकेश वासियों के हित में प्रयोग की जा सके।
मंगलवार को एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में उत्तराखंड जन विकास मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने बताया कि नगर निगम ऋषिकेश की इमारत को तोड़कर बहुमंजिला पार्किंग व अन्य सरकारी कार्यालय से संबंधित दस्तावेज मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण देहरादून के कार्यालय से आर.टी.आई. के माध्यम से प्राप्त किए गए।
प्राधिकरण ने बताया कि कार्य की लागत एक अरब तीस करोड़, छियत्तर लाख है। परियोजना को पूरी करने की तिथि निविदा उपरान्त चयनित फर्म के साथ अनुबंध होने के बाद 18 माह निर्धारित है।
लेकिन निर्माण में नगर निगम ऋषिकेश व मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के मध्य राजस्व के बंटवारे व परिसंपत्ति में हिस्सेदारी के संबंध में कोई भी समझौता ज्ञापन (MOU) अभी तक तक अमल में नहीं लाया गया। एम.डी.डी.ए. ने उक्त निर्माण के संबंध में कहा कि अभी कार्यवाही चल रहीं है।
आशुतोष शर्मा ने बताया कि नगर निगम ऋषिकेश ने लगभग 2 माह से अपने कार्यालय को आई.एस.बी.टी. ऋषिकेश में स्थानांतरित करने की तैयारी शुरु कर दी है। नगर निगम ऋषिकेश की भूमि पर जल संस्थान का प्लांट व विद्युत विभाग के बड़े-बड़े ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। जिनसे ऋषिकेश शहर को पानी व बिजली की आपूर्ति होती है। बिजली के इन ट्रांसफार्मरों को दूसरी जगह हटाने से कई दिनों तक विद्युत की आपूर्ति बाधित होगी, जिससे शहरवासी कई दिनों तक अंधेरे में रहेंगे। जिसकी वैकल्पिक व्यवस्था के सम्बन्ध में कोई भी ठोस निर्णय नहीं लिया गया, न ही इन विभागों से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लिया गया।
जिससे पता चलता है कि नगर निगम ऋषिकेश प्रशासन किसी प्रभावशाली के दबाव में हवाई परियोजना पर कार्य कर रहा है। जिसका उत्तराखण्ड जन विकास मंच पूर्ण विरोध करता है, तथा राज्य सरकार से मांग करता है कि बिना किसी वैधानिक कार्यवाही के उक्त परियोजना अमल में न लायी जाए ताकि नगर निगम की उक्त परिसम्पत्ति ऋषिकेश वासियों के हित में प्रयोग की जा सके।