उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने की गंगा आरती

ऋषिकेश। उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव राधा रतूड़ी परमार्थ निकेतन पहुंची और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की और दौरान उन्होंने गंगा आरती में प्रतिभाग किया।
रविवार को चिदानंद सरस्वती ने कहा कि उत्तराखंड जितना अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है उतना ही अपनी संस्कृति के लिए भी विख्यात है। इस दिव्यता और अनुपम सौन्दर्य से युक्त राज्य की अनूठी संस्कृति है। पारंपरिक संस्कार, अनुष्ठान, आस्था, विश्वास, लोकगीत, रीति-रिवाज, भाषा व आपसी सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण वातावरण अद्भुत है। पूरे पहाड़ को मातृशक्ति ने सम्भाल कर रखा है। पहाड़ पर मातृ शक्ति घर, परिवार, बच्चे-बड़े, खेती व पशुओं को वह पहाड़ की तरह ही बड़ा दिल रखकर सम्भालती है। वास्तव में उनके लिये सोचने, चिंतन करने और उनके जीवन को सरल व सहज बनाने के लिये कार्य करने की नितांत आवश्यकता है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के इतिहास, धर्म, दर्शन, सभ्यता, संस्कृति, विकास, प्रकृति सौंदर्य के साथ-साथ पर्वतीय अंचल पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड अद्भुत कार्य कर रहा है। जी-20 के बाद तो उत्तराखंड की ख्याति विश्व मानचित्र में दूर-दूर तक फैली है परन्तु अब पहाड़ों पर फौलादी हिम्मत के साथ अकेले परिवार व बच्चों को सम्भाल रही उन शक्तियों का दर्द समझने की जरूरत है, जो एक शक्ति ही समझ सकती है।
इस दौरान चिदानंद ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।