ऋषिकेश: परमात्मा ही सुख शांति की अनुभूति है

ऋषिकेश: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ढालवाला की ओर से “परमात्मा ज्ञान द्वारा सुख शांति की अनुभूति” कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जयक्रित रावत (अध्यापक भारत मंदिर इंटर कॉलेज) ने प्रणाम व प्रार्थना की महिमा बताई उन्होंने कहा जैसे हम बड़ों को प्रणाम करते हैं तो उनकी ब्लेसिंग आशीर्वाद व दुआओं के रूप में मिलता है, इसी प्रकार जब प्रभु से प्रार्थना की जाती है तो उनसे भी हमें आशीर्वाद एवं कृपा मिलती है साथ ही उन्होंने बताया कि आज इस संस्था में आकर बहुत ही सुखद अनुभव हुआ।
इस अवसर पर ढालवाला सब सेंटर की संचालिका राजयोगी, बालब्रह्मचारिणी बी ०के० निर्मला ने बताया हम शरीर को अपनी पहचान मानते हैं जो कि पांच तत्वों का पुतला मात्र है, हम परेशान भी इसलिए रहते हैं क्योंकि अपनी शान से परिचित नहीं है, वास्तव में स्वयं की स्मृति परमपिता परमात्मा दिलाते हैं जिन्हे हम पिता कहते है, हमारी आत्मा में सारी ऊर्जा होती है। शरीर तो पंचतंत्व में विलीन हो जाता है परंतु आत्मा, अजर व अमर रहती है। हमें अपनी आध्यात्मिक ज्योति को इस प्रकार जगाना है जैसे सांप के सिर पर रखी मणि होती है जो सभी को आकर्षित करती है। आज आत्मा की विस्मति ही हमारे दुखों का मूल कारण है।
ऋषिकेश सेंटर की प्रमुख संचालिका राजयोगिनी बालब्रह्मचारी बी०के० आरती ने बताया कि साइंस के युग में सुख के साधन तो प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, परंतु सुख रहे घटता जा रहा है, जबकि पूर्व में साधन बहुत कम थे परंतु सुख भरपूर था, जब लोग सारे कार्य अपने हाथों से करते थे। आज बटन दबाते व पलक झपकते ही कार्य तो हो जाते हैं पर मनुष्य फिर भी सुखी नहीं है, क्योंकि सुख दिव्य गुणो पर आधारित है साधनों पर नहीं और शांति शुद्ध विचारों पर आधारित है । जो हमें परमात्म स्नेह व राजयोग मेडिटेशन से ही प्राप्त होता है ।