महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही एसएम शक्ति फाउंडेशन।

ब्यूरो, ऋषिकेश।
रिपोर्ट। खुशबू गौतम
वर्तमान में जब आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की बातें सिर्फ नारे बनकर रह गई हैं। ऐसे में एसएम शक्ति फाउंडेशन जैसी संस्थाएं इन नारों को धरातल पर उतारकर समाज में बदलाव की मिसाल पेश कर रही हैं।
संस्था की स्थापना 15 अक्तूबर 2021 को समाजसेवी सीमा मिश्रा ने की थी। संस्था की स्थापना से पहले सीमा मिश्रा और उनकी टीम ने समाज के उन पिछड़े और जरूरतमंद क्षेत्रों का सर्वे किया जहां महिलाओं को शिक्षा और रोजगार की पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही थीं। उन्होंने उन महिलाओं को चुना, जो वास्तव में बदलाव की हकदार थीं। ऐसी महिलाएं जो घर से बाहर नहीं जा सकतीं थी। लेकिन सीखने और कुछ कर दिखाने का जजबा रखती हैं।
राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड में पांच से अधिक प्रशिक्षण केंद्र खोले जा चुके हैं। इन केंद्रों में महिलाओं को कढ़ाई, बुनाई, हस्तकला, मोमबत्ती डिज़ाइनिंग, वेस्ट मटेरियल से सजावटी वस्तुएं बनाना जैसे हुनर सिखाए जाते हैं। संस्था की गतिविधियां केवल महिलाओं तक सीमित नहीं हैं। एसएम शक्ति फाउंडेशन कि ओर से हर वर्ष15 अक्तूबर को रक्तदान शिविर आयोजित किया जाता है। जिसमें महिलाएं बढ़-चढ़कर भाग लेती हैं। संस्था समय-समय पर विद्यालयों में प्रतियोगिताएं आयोजित कर बच्चों की प्रतिभा को भी निखारने का कार्य कर रही है।
विशेष रूप से प्रतिभाशाली और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को आगे बढ़ने में सहयोग भी संस्था प्रदान करती है। संस्था से आज करीब 60 से 70 महिलाएं सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं। महिलाएं न केवल खुद सशक्त हो रही हैं, बल्कि समाज में अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं।
संस्था की संस्थापक सीमा मिश्रा ने बताया कि महिलाएं कमजोर नहीं होतीं, उन्हें बस अवसर की जरूरत होती है। हमारा उद्देश्य है कि हर महिला आत्मनिर्भर बने, अपने पैरों पर खड़ी हो सके और आत्मसम्मान से जीवन जिए।