ब्रह्मलीन भगवान गिरी महाराज के 39 वें निर्वाणउत्सव भव्य रूप से मनाया गया

ब्यूरो,ऋषिकेश।
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भगवान गिरी आश्रम के ब्रह्मलीन भगवान गिरी महाराज के 39 वें निर्वाणउत्सव तीन दिवसीय रामायण पाठ आयोजन के साथ धूमधाम से मनाया गया।
सोमवार को मायाकुंड स्थित भगवान गिरी आश्रम में 5 अप्रैल से लेकर 7 अप्रैल तक तीन दिवसीय, रामायण पाठ किया गया। जिसका ब्रह्मलीन भगवान गिरी महाराज जी के 39 वें निर्वाणउत्सव 7 अप्रैल को भोग लगाये जाने के साथ विशाल भंडारे का भी आयोजन कर समापन किया गया। और रात्रि जागरण में भजनों के द्वारा गुरु वंदना की गई।
निर्वाणउत्सव के अवसर पर उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष और भगवान गिरी आश्रम के पीठाधीश्वर बाबा भूपेंद्र गिरी ने कहा कि गुरु द्वारा दिए गए ज्ञान के प्रकाश के बिना शिष्य का जीवन कभी सुख मय नहीं हो सकता, क्योंकि गुरु ही अपने शिष्यों को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में गुरु का सबसे ऊंचा स्थान है जो कि अपने शिष्य को उनके कल्याण मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है जोकि अंतर्मन से दिये गए आशीर्वाद स्वरूप हमेशा अपने शिष्य के कल्याण की कामना करता है।
उन्होंने कहा कि गुरु बनाए जाने के बाद जीवन जहां अपने शिष्य के प्रति समर्पित रहता है वही शिष्य को भी अपने गुरु के प्रति समर्पित रहना चाहिए, इस दौरान षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत गोपाल गिरी, ने कहा कि ब्रह्मलीन भगवान गिरी महाराज ने जहां समाज सेवा को अपना मिशन बनाया ,वही उन्हें सिद्ध संत के रूप में भी जाना जाता था। उन्होंने पांडव गुफा में वर्षों से ध्यान लगाकर कई प्रकार की सिद्धियां भी प्राप्त की थी।
इस दौरान जगद्गुरु रामानंदचार्य दयाराम दास महाराज, कृष्ण कुंज आश्रम से अखिल भारतीय सत समिति अध्यक्ष गोपालाचार्य,महंत रामकृपाल गौतम, गोपाल गिरी, महंत रवि शास्त्री, महंत ईश्वर दास महाराज, दुर्गा दास, अखाड़ा परिषद से हठ योगी महाराज, गुरुद्वारा डेरा ठाकरा के महंत बलवीर सिंह ,मनोहर लाल, जतिन विरमानी, सोनू ,गोपाल विरमानी, जगमोहन विरमानी, दर्शन लाल, विनोद शर्मा सहित काफी संख्या में लोग मौजद रहें।