चंद्रेश्वर नगर एसटीपी से गंगा में छोड़ा जा रहा झागयुक्त सीवर पानी, विधायक और मेयर के निर्देश भी हो रहे नजरअंदाज।

रिपोर्ट। खुशबु गौतम
ब्यूरो, ऋषिकेश।
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एक ओर देशभर में स्वच्छता को लेकर मुहिम चल रही है, वहीं दूसरी ओर चंद्रेश्वर नगर स्थित एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) में साफ-सफाई और नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
एसटीपी प्लांट के कर्मचारी मनमानी पर उतर आए हैं। विधायक और नगर निगम मेयर कि ओर से कई बार निरीक्षण कर कड़े निर्देश दिए गए, लेकिन उनके निर्देशों का पालन कहीं देखने को नहीं मिल रहा।
अंधेरे में छोड़ा जा रहा है झागयुक्त गंदा पानी।
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स्थानीय लोगों ने बताया कि अंधेरा होते ही प्लांट से गंगा में झागयुक्त गंदा पानी छोड़ा जाता है, जिससे न केवल गंगा की पवित्रता भंग हो रही है, बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यावरण प्रेमियों की भावनाओं को भी ठेस पहुंच रही है।
बार-बार हुआ प्रदर्शन, नहीं हुई कार्रवाई।
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इस गंभीर लापरवाही के खिलाफ कई बार छात्र-छात्राओं, समाजसेवियों और स्थानीय नागरिकों कि ओर से प्लांट के बाहर प्रदर्शन भी किया जा चुका है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सीवर का पानी बिना शुद्धिकरण के गंगा में छोड़ना रोका जाए और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
स्वच्छता अभियान की उड़ रही धज्जियां।
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जहां एक ओर सरकार स्वच्छ भारत मिशन और नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से गंगा सफाई के लिए अरबों रुपये खर्च कर रही है, वहीं इस प्रकार का कृत्य उन सभी प्रयासों को मुंह चिढ़ा रहा है।
जनता में आक्रोश।
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जब विधायक और मेयर के निर्देशों का ही पालन नहीं हो रहा, तो जिम्मेदारी तय कौन करेगा। क्या एसटीपी पर कोई निगरानी तंत्र नहीं है। क्या गंगा में गंदा पानी छोड़ना धार्मिक, सामाजिक और स्वास्थ्य दृष्टिकोण से घोर अपराध नहीं है।
मांग – दोषियों पर हो कार्रवाई।
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नगरवासियों ने नगर निगम और प्रशासन से एसटीपी प्लांट की कार्यप्रणाली की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही, दोषी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई और एसटीपी पर सीसीटीवी व निगरानी व्यवस्था लागू करने की अपील की है।
कई बार किया निरीक्षण।
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लोगों के आक्रोश के बाद विधायक साहब और कई संबंधित कई अधिकारियों ने चंदेश्वर नगर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। नतीजा जस की तस बनी हुई है।