2026 दिसंबर तक जल्द ही दौड़ेगी पहाड़ों पर ट्रेन, अब ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच यात्रा का समय 7 घंटे से घटकर केवल 3 घंटे होगा

ऋषिकेश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का काम तेजी से चल रहा है। लेकिन ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच रेल का सफर करने के लिए लोगों को अभी करीब दो साल का इंतजार और करना पड़ेगा।
शुक्रवार को प्रेस वार्ता में रेल विकास निगम लिमिटेड के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर अजीत यादव ने बताया कि 104 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना में 85 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का काम पूरा कर लिया गया है।
इसके अलावा 28 ब्रेकथ्रू टनल में किए गए हैं। कुल 38 टनल ब्रेकथ्रू होने हैं। 10 टनलों के ब्रेकथ्रू मार्च 2025 तक होने की उम्मीद है। जबकि, मार्च 2026 तक 213 किलोमीटर की रेलवे लाइन बिछाने का पूरा काम कर लिया जाएगा। दिसंबर 2026 तक कर्णप्रयाग जाने की रेल सुविधा मिलनी शुरू होगी।
उन्होंने बताया कि यह पूरा रेलवे ट्रैक हाईटेक तकनीक से बनाया जा रहा है। जिसमें टनल तोड़ने के लिए न तो बारूद का इस्तेमाल किया जा रहा है, ना ही किसी भी प्रकार से पहाड़ को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। रेलवे ट्रैक को तैयार करने के साथ सभी 12 स्टेशन पर रेलवे स्टाफ के लिए बिल्डिंग निर्माण का कार्य भी जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए आगामी 15 दिनों में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
इसके अलावा शिवपुरी गूलर और अलकनंदा नदियों पर 19 में से 5 बड़े पुल बनकर तैयार हो चुके हैं। जबकि, 14 पुलों पर कार्य प्रगति से चल रहा है। उम्मीद है कि साल 2025 के आखिरी तक यह सभी पुल बनकर तैयार हो जाएंगे। वहीं, दरारों को लेकर उन्होंने कहा कि सुरंग खोदने के कारण कुछ ग्रामीणों की ओर से घरों में दरारें की शिकायत भी मिली थी। सभी प्रभावितों को मुआवजा रेल विकास निगम दे चुका है।