बड़कोट महाविद्यालय में बौद्धिक संपदा अधिकार पर वेबीनार का आयोजन

उत्तरकाशी।
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राजेंद्र सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय बड़कोट उत्तरकाशी के आईपीआर(बौद्धिक संपदा अधिकार) सेल तथा आइ क्यू ए सी के संयुक्त तत्वाधान में “अन्डरस्टैंडिंग इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स इन इंडिया” विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया।
वेबीनार का मुख्य उद्देश्य राजकीय संस्थानों में कार्यरत प्राध्यापक वर्ग को बौद्धिक संपदा अधिकार से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी को साझा करना था। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय महाविद्यालय बिथयानी यमकेश्वर पौड़ी गढ़वाल के प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार ने मुख्य वक्ता तथा ऑनलाइन माध्यम से जुड़े सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की विषय वस्तु से परिचित करवाया।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर शर्मा ने अपने व्याख्यान में बौद्धिक संपदा से संबंधित सभी आवश्यक तथ्यों पर चर्चा की। बौद्धिक संपदा क्या है और इससे संबंधित विभिन्न अधिकार तथा नियमों से संबंधित जानकारी को समुदाय से जुड़े उदाहरणों से सहजता पूर्वक समझने का प्रयास किया। बौद्धिक संपदा अधिकार की जानकारी न सिर्फ नवाचार को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए आवश्यक है बल्कि यह वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास को भी बढ़ावा दे सकता है।
बौद्धिक संपदा के विभिन्न प्रकारों के साथ ही उनसे संबंधित कानूनी नियमों की विस्तृत चर्चा इस कार्यक्रम में की गई। पेटेंट क्या होता है, इसके आवेदन की प्रक्रिया क्या है तथा पेटेंट के मुद्रण के साथ ही ग्रांट क्यों आवश्यक है, इस विषय में विस्तृत चर्चा की गई। मुख्य वक्ता ने बताया कि जहां तक नवाचार और सृजनशीलता की बात है तो बौद्धिक संपदा जैसे महत्वपूर्ण विषय की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है ।
कार्यक्रम के अंत में IQAC की संयोजक डॉक्टर अंजु भट्ट ने मुख्य वक्ता तथा सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
बौद्धिक संपदा अधिकार सेल की नोडल ऑफिसर डॉ रश्मि उनियाल ने कार्यक्रम की सफलता एवं प्रतिभागिता के लिए महाविद्यालय में कार्यरत समस्त प्राध्यापकों एवं अन्य महाविद्यालयों के प्रतिभागी प्राध्यापकों का आभार प्रकट किया है।