रोते हुए लाचार होकर बिना चारधाम यात्रा किए हुए लौट रहे तीर्थयात्री, ये कैसी प्रशासन की व्यवस्था

ऋषिकेश। प्रशासन ने चारधाम यात्रा का ऑफलाइन पंजीकरण 31मई तक बंद कर दी है, लेकिन भारी संख्या में यात्री 10 दिन पहले से ट्रांजिट कैंप में फंसे हुए हैं। उन्हें अब पंजीकरण के लिए 10 दिन का और इंतजार करना पड़ेगा जो कि यात्रियों के लिए एक चुनौती भरा सफर होने जा रहा है।
ऐसे में कुछ यात्रियों का कहना कि है अगर प्रशासन हमारे खाने पीने की सुविधा करती है तो हम 10 दिन रुकने को तैयार हैं और चारधाम यात्रा करके ही जाएंगे,लेकिन कुछ यात्री प्रशासन के नियम को लेकर इतना परेशान हो चुके हैं कि बिना चारधाम यात्रा किए ही वापस जाने को तैयार हैं। उनका कहना कि जितने पैसे और खाने का सामान लाए थे वो इन 10 दिनों में खत्म हो गए है,अब इतने पैसे नही बचे हैं कि वो 10 दिन और पंजीकरण का इंतजार करे, अगर इंतजार भी करते हैं तो प्रशासन का क्या भरोसा फिर से कोई नए नियम लेकर आएगी इनकी सारी व्यस्था नाकाम है, एक बार बड़ी मुस्किल से पाई-पाई जोड़कर चारधाम यात्रा करने को निकले थे लेकिन वो भी नही हो सका अब इतनी हिम्मत नही की वो दोबारा वापस आए।
ऐसे में जो यात्री 10 दिन और रुकने को तैयार हैं उनकी आस्था का जवाब नहीं। लेकिन जो यात्री वापस जा रहे हैं उनकी लाचारी और बेबसी प्रशासन को दिखाई नहीं दे रही है। इन सब के बीच आगे क्या होगा ये देखने वाली बात रहेगी।
तमन्ना थी कि जीते जी अपनी माताजी को चारधाम यात्रा कराऊंगी लेकिन बाबा केदार का बुलावा नहीं आया……
ट्रांजिट कैंप में 10 दिन से कुछ ऐसे यात्री भी ठहरे हैं, जो अपने माता-पिता को जीते जी चारधाम यात्रा कराने की तमन्ना लेकर घर से निकले थे। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर थी या प्रशासन की व्यव्स्था अच्छी नहीं थी ये वो नही जानते लेकिन अपनी इच्छा को अधूरी लेकर रोते रोते घर की ओर कुछ यात्री निकल पड़े। एक ऐसे ही बिहार के गोपालगंज से आई हुई बेटी अपनी माताजी को चारधाम यात्रा कराने निकली थी,वो अपनी माताजी की इकलौता सहारा है, ट्रांजिट कैंप में 10 दिन से पंजीकरण का इंतजार करते रही लेकिन समय 10 दिन और बढ़ गया। उनका कहना है कि 10 दिन का और इंतजार नहीं कर सकते चारधाम किए बिना वापस लौट जाएंगे, परिवार वाले भी इंतजार कर रहे हैं। “मां हम फिर दोबारा आएंगे” पर अभी चलते हैं, पर मां तो हट पर अड़ी मैं यात्रा करके ही वापस जाऊंगी चाहे कुछ भी हो सबके समझाने के बाद भी वो बूढ़ी माताजी नही मानी आखिरी में उस बेटी ने मां को ट्रांजिट कैंप में भोलेनाथ के भरोसे छोड़कर निकल पड़ी।
अगर प्रशासन खाने की सुविधा देती है, तो हम 10 दिन ठहरने के लिए तैयार हैं……..
एक बूढ़े पति पत्नी नेपाल से चारधाम यात्रा करने निकले लेकिन पता नहीं था कि अभी पंजीकरण बंद हैं,उनका कहना है पैसे भी बहुत लग गए अगर जाएंगे तो वापस दोबारा नहीं आ पाएंगे। अगर प्रशासन खाने पीने की व्यवस्था करती है तो हम यहां 10 दिन ठहरने को तैयार हैं।