“विश्व तंबाकू निषेध दिवस” पर कार्यशाला

ब्यूरो, ऋषिकेश।
____________________
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, गीता नगर, ऋषिकेश द्वारा “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” के अवसर पर युवाओं पर इसके दुषप्रभावो की जागरूकता के लिए विशेष कार्यक्रम “अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद” के सहयोग से आयोजित किया गया।
इस अवसर पर 150 युवा विद्यार्थियों को सीबीएसई व आई सी एस सी 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेघावी छात्र-छात्रों को एवीबीपी संस्था ने दीदी जी द्वारा सम्मानित कराया गया।
रविवार को आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ0 डी पी बलोदी, एम एस रावत ने संयुक्त रूप से दीप-प्रज्वलन कर किया।
डॉ बलोदी ने बताया, तंबाकू और नशे की आदत व्यक्ति को कमजोर बना देती है और युवा इसकी गिरफ्त से चाह कर भी छूट नहीं पाते। वैसे कड़ी इच्छा शक्ति से इस लत से छुटकारा पाना संभव भी है, इसके लिए परिवार का सहयोग बहुत जरूरी है, सभी सदस्यों को रात का खाना साथ बैठकर खाना चाहिए जिससे परिवार मे समाजस्य व मेलजोल बड़ता है व बच्चे अकेलापन महसूस नहीं करते और ना ही बुरी आदतो की गिरफ्त मे आते है, साथ ही कहा कि इस आध्यात्मिक संस्थान की दिव्यता व भव्यता युवाओं को आध्यात्मिकता के लिए प्रेरित अवश्य करेगी और उनका सही मार्गदर्शन करेगी।
इसी संदर्भ में आश्रम के भाई बी0के0 नवनीत ने बताया कि वह अपनी युवावस्था में नशे आदि व्यसनो मे जकड़े हुए थे, राजयोग मेडिटेशन के प्रथम दिन ही उन्होंने जीवन में बदलाव महसूस किया, आज वे पूर्ण पवित्र राजयोगी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्हें देख अन्य कुमार भाई भी राजयोग द्वारा अपने जीवन में बदलाव ला रहे हैं।
प्रो रावत ने बताया यह दिवस who द्वारा 1988 से तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों पर रोकथाम हेतु मनाया जाता है परंतु अफसोस की बात है कि युवाओं में नशे व तंबाकू की प्रवृत्ति दिन पर दिन बढ़ती ही चले जा रही है, दुख की बात यह है कि आज छात्राएं भी नशे व तंबाकू के सेवन में पीछे नहीं है वे अपने साथ-साथ आने वाली नस्ल का जीवन भी अंधकारमय बना रही है, इसीलिए आजकल बच्चों में जन्म से ही विकलांगता बढ़ती जा रही है, आज जरूरत है सख्ती से उस पर लगाम लगाने की, ताकि दिशाहीन युवा को दिशा प्रदान हो, इसके आध्यात्मिक से बेहतर कुछ नहीं है।
ऋषिकेश ढाल वाला उपसेवा केंद्र की संचालिका बी के निर्मला दीदी ने सर्वप्रथम सभी को शांति व मेडिटेशन की अनुभूति कराई व बताया कि तंबाकू व धूम्रपान के साथ एक अन्य व्यसन बहुत तेजी से सभी को अपनी गिरफ्त में ले रहा है वह है मोबाइल। यह खास युवाओं का जीवन खोखला कर रहा है, आज के बच्चों को जरूरत है प्यार, दुलार व समय की, ताकि वे अकेलापन अनुभव ना करें। सर्वे के अनुसार 37 मिलियन से अधिक बच्चे 13 साल की उम्र से ही तंबाकू व नशे का सेवन कर रहे हैं, जोकि जानलेवा होने के साथ-साथ उनका भविष्य भी अंधकार में बना रहा है। दीदी जी द्वारा सभी उपस्थित 200 से अधिक युवा छात्र-छात्रो, शिक्षकों व अभिभावको को तंबाकू व नशे से दूर रहने की शपथ भी दिलाई गई।
इस दौरान वंदना कटारिया, अर्जुन अवार्ड, रमाकांत श्रीवास्तव, राजेंद्र प्रसाद पांडे, देवेश्वर प्रसाद रतूडी, संजीव चौहान, मनीष राय राम गोपाल रतूड़ी, अंजली चौहान,ओम प्रकाश गुप्ता, दिनेश पैन्यूली अन्य मौजूद रहें।