हिट एंड रन कानून का विरोध करते हुए ड्राईवरों ने किया चक्का जाम, यात्री रहे परेशान

ऋषिकेश। भारतीय न्याय संहिता के तहत हिट-एंड-रन केस में कानून में बदलाव के विरोध में देशभर में ट्रक ड्राइवर और टैक्सी चालक हड़ताल पर चले गए हैं। आज हड़ताल का दूसरा दिन है। हड़ताल के कारण रोजमर्रा की चीजों पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे में फल सब्जियों के कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना भी बढ़ गई है। हड़ताल में फ्यूल टैंकर के ड्राइवर भी शामिल हैं। ऐसे में पेट्रोल पंप पर फ्यूल भराने के लिए वाहनों की लंबी कतारें भी लग गई है। ट्रांसपोर्ट संघ की ओर से सीएम को ज्ञापन भी दिया गया।
केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन कानून में बदलाव के विरोध में मंगलवार को भी वाहन चालक हड़ताल पर रहे। जिसका नतीजा यह रहा कि आईएसबीटी और शहर भर में हर तरफ लोग पैदल ही सामान के साथ आवागमन करने पर मजबूर दिखाई दिए। कुछ रोडवेज वाहन चालकों ने वाहन चलाने की कोशिश की तो उन्हें जगह-जगह यूनियनों के आक्रोश का शिकार होना पड़ा। उधर रोडवेज वाहन चालकों ने आरोप लगाया कि रास्ते में जाते समय वाहनों को रोक कर उनके साथ मारपीट और बदतमीजी की गई।
उग्र आंदोलन की चेतावनी: यूनियन के पदाधिकारी और ड्राइवर यूनियन का कहना है जिस तरह से केंद्र सरकार ने एमवी एक्ट में बदलाव किया है। यह हमारे लिए काला कानून है। सभी ड्राइवर इस काले कानून का विरोध करते हैं। अगर केंद्र सरकार द्वारा यह काला कानून नहीं हटाया जाता है तो सभी ड्राइवर हड़ताल पर रहेंगे। इस कानून के आने से ड्राइवरों के साथ पुलिस और आरटीओ विभाग द्वारा शोषण किया जाएगा।
परिवहन महासंघ की बैठक: हिट एंड रन कानून को लेकर उत्तराखंड परिवहन महासंघ ने बड़ा ऐलान किया है। महासंघ ने तीन जनवरी तक कानून को वापस नहीं लिए जाने पर चरणबद्ध तरीके से अपने आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी दी है। ऋषिकेश में आज उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय की अध्यक्षता में राज्य के तमाम परिवहन संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारी बैठक के लिए पहुंचे। बैठक में सभी पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार के द्वारा हिट एंड रन कानून का विरोध किया।
चालकों ने सरकार के खिलाफ जगह-जगह जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। एसडीएम कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। दूसरी तरफ सुरक्षा की दृष्टि से जगह-जगह पुलिस तैनात रही। चालकों की हड़ताल होने की वजह से एलपीजी गैस सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल के वाहन भी शहर तक नहीं पहुंच पाए। जिसकी वजह से एलपीजी गैस सिलेंडर का स्टॉक गैस गोदाम में शून्य हो गया है।