परमार्थ निकेतन में 9 मार्च से अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का होगा शुभारंभ

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का इस वर्ष 9 मार्च को आधिकारिक रूप से उद्घाटन होगा। जिसमें दुनिया भर के लगभग 50 देशों के 900 से अधिक योग जिज्ञासु सहभाग करेंगे।
शनिवार को परमार्थ निकेतन में आयोजित प्रेस वार्ता में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने निदेशक अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव साध्वी भगवती सरस्वती ने बताया कि दुनिया भर से आए योग प्रतिभागियों, योग जिज्ञासुओं और योगाचार्यों का स्वागत करेंगे। इस वर्ष का महोत्सव पहले से कहीं अधिक प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक अनुभव प्रदान करने के लिए तैयार है।
आध्यात्मिक ज्ञान सत्र पैनल में प्रसिद्ध योगाचार्य और स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल होंगे, जैसे जैक बुश, राम कुमार कुट्टी, गणेश राव, आमिश शाह, मीराबाई और अन्य।
योगासन कक्षाएं जिसमें अंतर्राष्ट्रीय योग विशेषज्ञों की गरिमाययी उपस्थिति होगी जैसे गुरमुख कौर खालसा, शिव रै, स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट, टॉमी रोसेन, किया मिलर, आनंद मेहरोत्रा, जय हरि सिंह और कई अन्य।
संगीतमयी प्रस्तुतियों में प्रसिद्ध ड्रमवादक शिवमणि, प्रसिद्ध आध्यात्मिक गायक कैलाश खेर, गिल रॉन शामा, रुना रिजवी शिवमानी, एमसी योगी, गुरनमित सिंह और अन्य विख्यात कलाकारों की अद्भुत प्रस्तुतियाँ देंगे।
विशेष इको-फ्रेंडली होली उत्सव भी परमार्थ निकेतन में होगा। प्रसिद्ध ड्रमवादक शिवमणि द्वारा जोशपूर्ण ढोल की धुनों के साथ नृत्य, फूलों से होली और इसके बाद गंगा स्नान का अद्भुत आयोजन किया जायेगा।
महोत्सव का शुभारम्भ पवित्र गंगा जी की आरती से किया जायेगा जिसमें पूज्य स्वामी जी द्वारा सभी को एकता, एकात्मता और सशक्त एकजुटता का संदेश दिया जाएगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा, “इस वर्ष हम एक वैश्विक परिवार के रूप में एकजुट हो रहे हैं। महाकुम्भ के पश्चात परमार्थ निकेतन में योग का महाकुम्भ हो रहा हैं। यहां न केवल योगियों और योगाचार्यो का संगम हो रहा है बल्कि योग की विभिन्न विधाओं का भी अद्भुत संगम हो रहा है।
स्वामी ने कहा कि दुनिया के अनेक देशों में विभाजन और हिंसा का वातावरण फैल रहा है ऐसे में योग न केवल शरीर, मन व आत्मा का संगम कराता है बल्कि राष्ट्रों के संगम में भी अद्भुत भूमिका निभात है। वास्तव में योग वह नहीं है जो व्यायाम के रूप में करते हैं बल्कि योग तो वह है जो आप स्वयं हैं। योग का उद्देश्य बिना किसी अपेक्षा के कार्य करना है, इसे एक दिव्य आशीर्वाद के रूप में समझना है। यह महोत्सव भारत की अद्भुत क्षमताओं को दिखाता है। यह महोत्सव विभिन्न विधाओं के लोगों को जड़ता है; एकजुट करता है।
साध्वी भगवती सरस्वती ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस विशेष अवसर पर कहा, “हम कहते हैं ’माँ पृथ्वी’, ’माँ प्रकृति’ अर्थात हम प्रकृति, धरती और सृष्टि को मातृ शक्ति के रूप में पूजते हैं। मातृ शक्ति जो सृजन करती है और धरती तो शक्ति का सृजन करती है, दोनों ही मातृशक्ति हैं। आज का दिन मातृ शक्ति को समर्पित है। हम आज जीवन में किसी भी रूप से जुड़ी हमारी शक्तियों को नमन करें, जिनकी वजह से हम हैं।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा, “इस पवित्र भूमि पर, जहां सैकड़ों वर्षों से संत, योगी और ऋषि योग करते आ रहे हैं, यहां पर आकर योग करना बहुत सौभाग्य का विषय है। माँ गंगा की गोद और हिमालय की दिव्य ऊर्जा का अनुभव यहां पर होता हैं।
परमार्थ निकेतन में प्रातःकाल 04ः30 से 09 बजे तक पूरे सप्ताह 150 से अधिक योग कक्षाएँ होगी जिसमें हठ योग, कुण्डलिनी योग, ध्यान और अन्य विषयों पर। समग्र कल्याण के लिए, आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा ज्ञानवर्द्धक कक्षाएँ। महर्षि आश्रम (बीटल्स आश्रम) की विशेष यात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रम। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर गंगा के किनारे विशेष योग और ढोल नृत्य का आयोजन किया जा रहा है।
स्पेन की मैग्देलेना ने कहा, “यह मेरी दूसरी बार है और इस बार मैं अपनी बेटी के साथ आई हूँ। यहाँ आकर घर जैसा महसूस हो रहा है।
कनाडा के सैंडरसन ने कहा, “यह मेरा पहला अनुभव है और मैं यहाँ दुनिया भर के प्रसिद्ध योग शिक्षकों से योग सीखने के लिए बहुत उत्साहित हूँ।”
सभी प्रतिभागी इस अद्वितीय महोत्सव के लिए तैयार हैं और हम सभी को आमंत्रित करते हैं कि योग करें, रोज करें और मौज करें।