June 25, 2025

स्वामी विवेकानंद की जयंती पर गोष्ठी

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ऋषिकेश। स्वामी विवेकानंद की जयंती पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने चंद्रेश्वर नगर मंदिर में बने स्वामी विवेकानंद साधना गुफा में कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर स्वामी विवेकानंद पर आधारित गोष्ठी का आयोजन भी हुआ।

रविवार को आयोजित कार्यक्रम में मंत्री अग्रवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक व्यक्तित्व नहीं, एक बुनियाद हैं। स्वामी विवेकानंद भारत के ही नहीं, बल्कि विश्व के युवाओं के लिए उनके विचार प्रासंगिक एवं अनुकरणीय हैं। उनके विचार आज के विखंडित एवं पथभ्रष्ट समाज को जोड़ने के लिए रामबाण औषधि हैं।

मंत्री अग्रवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शिक्षा को समाज की रीढ़ माना है। उनके अनुसार शिक्षा मनुष्यता की संपूर्णता का प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि धर्म वह विचार एवं आचरण है, जो मनुष्य के अंदर की पशुता को इंसानियत में और इंसानियत को देवत्व में बदलने की सामर्थ्य रखता है। उन्होंने सभी धर्मों का सार सत्य को बताया है एवं उसके आचरण की प्रेरणा दी है।

मंत्री अग्रवाल ने कहा कि युवा वर्ग को चरित्र निर्माण के लिए स्वामी विवेकानंद ने पांच सूत्र (आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, आत्मज्ञान, आत्मसंयम और आत्मत्याग) दिए। उनका मानना है कि इन पांच तत्वों के अनुशीलन से व्यक्ति स्वयं के व्यक्तित्व तथा देश और समाज का पुनर्निर्माण कर सकता है।

मंत्री अग्रवाल ने स्वामी जी के अनेकों संस्मरण सुनाते हुए कहा कि हिन्दू धर्म को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दी है। उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों में जाकर अपने भाषणों में धार्मिक चेतना को जगाने एवं दलित, शोषित व महिलाओं को शिक्षित कर उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान देने पर जोर दिया। स्वामी विवेकानंद एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे और उन्हें अपनी राष्ट्रीयता पर गर्व भी था।

इस दौरान मंडल अध्यक्ष सुमित पवार, वन विकास निगम सदस्य देवदत्त शर्मा, सुजीत यादव, चंदू यादव मौजूद रहें।

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