आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ

ऋषिकेश। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय की ओर से पण्डित ललित मोहन शर्मा परिसर में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें 250 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
शुक्रवार को विवेकानंद सभागार में कार्यशाला का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर परिसर में स्थापित आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस लैब का उद्घाटन भी किया।
छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो जोशी ने कहा कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस आज के युग की सबसे क्रांतिकारी तकनीकों में से एक है, जिसने हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में एक नई दिशा दी है। आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस न केवल हमारे कार्यों को सरल और तेज बनाती है, बल्कि यह हमें नए और उन्नत तरीकों से समस्याओं को हल करने में भी सक्षम बनाती है। चाहे वह चिकित्सा का क्षेत्र हो, शिक्षा, कृषि, व्यापार, या फिर विज्ञान और अनुसंधान, एआई हर जगह अपनी छाप छोड़ रही है।
उन्होंने कहा कि एआई के माध्यम से हम न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी अनेक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। हमें यह समझना होगा कि एआई के साथ-साथ हमें इसके सही और नैतिक उपयोग के बारे में भी जागरूक रहना है। आज की यह कार्यशाला इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एआई का प्रयोग करके कंप्यूटर और मशीनों को मानवीय बुद्धिमत्ता और समस्या-समाधान क्षमताओं का अनुसरण करने में समक्ष बनाया जा सकता है। उन्होंने छात्र छात्राओं से कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, मेटलैब, एन एल पी, रोबोटिक्स, कंप्यूटर विज़न सीखकर कौशल विकास करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय द्वारा इन विषयों पर समय समय पर कार्यशालायें आयोजित की जाएंगी साथ ही छात्र छात्राएं ऑनलाइन माध्यम से भी इन विषयों को सीख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा परिसर में छात्र छात्राओं हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर लैब स्थापित की गयी जिसमें एआई से सम्बंधित आधुनिक सॉफ्टवेयर उपलब्ध रहेंगे। छात्र छात्राएं इस लैब का प्रयोग कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सम्बन्धी आधुनिक तकनीकी सीखकर लाभान्वित हो सकेंगे।
परिसर निदेशक प्रो एम एस रावत ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि एआई मनुष्य की क्षमता को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। एआई मनुष्य के प्रतिस्थानी के लिए नहीं आया है। मनुष्य का कभी रिप्लेसमेंट हो भी नहीं सकता है। अपने कार्यों को तेजगति से आगे बढ़ाने के लिए एआई तकनीकी को विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी छात्र छात्राओं को तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए इस प्रकार की कार्यशालाओं के माध्यम से निरंतर सीखने की आवश्यकता है। उन्होंने कुलपति प्रो जोशी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके कुशल मार्गदर्शन से विश्वविद्यालय तथा परिसर निरन्तर विकास की और अग्रसर है।
कार्यशाला के संयोजक, बी सी ए समन्वयक डॉ गौरव वार्ष्णेय ने सञ्चालन करते हुए कार्यशाला में आयोजित होने वाले तकनीकी सत्रों की जानकारी दी।
विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो जी के धींगरा ने सभी का आभार ज्ञापित किया। पहले तकनीकी सत्र में स्लॉग सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के एआई विशेषज्ञ इंजीनियर सचिन जांगिड़ ने आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस एवं इसके अनुप्रयोग पर विस्तार से बताया दूसरे तकनीकी सत्र में इंजीनियर मयंक मिश्रा ने आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस द्वारा कौशल विकास एवं रोजगार विषय पर छात्र छात्राओं को जानकारी दी।
इस दौरान प्रो कंचनलता सिन्हा, प्रो अनीता तोमर, प्रो एस पी सती, प्रो विद्याधर पाण्डेय, प्रो हेमलता मिश्रा, प्रो विजय प्रकाश श्रीवास्तव, प्रो संगीता मिश्रा, प्रो स्मिता बडोला, प्रो सुरमान आर्य, प्रो ए पी दुबे, डॉ एस के कुड़ियाल, डॉ श्रीकृष्ण नौटियाल, शकुंतला शर्मा, डॉ शिखा वार्ष्णेय, डॉ रूपाली अग्रवाल, डॉ लता पाण्डे, डॉ शिवांगी भाटिया, संजीव सेमवाल, विवेक राजभर मौजूद रहें।